कौन चला रहा है हरियाणा? सीएम सैनी, फैसले खट्टर के?

Haryana

नमस्ते दोस्तों! स्वागत है आपके अपने चैनल MSTV India पर, जहां हम सियासत की हर खबर को बारीकी से परखते हैं! नायब सिंह सैनी हैं हरियाणा के मुख्यमंत्री, लेकिन चर्चा ये है कि सारे फैसले मनोहर लाल खट्टर ले रहे हैं! क्या ये सिर्फ अफवाह है या इसके पीछे कोई बड़ा खेल? आज हम खोलेंगे इस सियासी रहस्य की परतें! तो, क्या आप तैयार हैं हरियाणा की इस सियासी कहानी को समझने के लिए? अगर हां, तो चलिए शुरू करते हैं!

कहानी की शुरुआत

दोस्तों, मार्च 2024 में हरियाणा की सियासत में एक बड़ा ड्रामा हुआ। मनोहर लाल खट्टर, जो 9 साल तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने अचानक इस्तीफा दे दिया। और उनकी जगह कुर्सी संभाली नायब सिंह सैनी ने! लेकिन सवाल ये है – क्या ये बदलाव सिर्फ दिखावा था? क्या असल में खट्टर साहब ही पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे हैं?
नायब सिंह सैनी, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं और बीजेपी के हरियाणा अध्यक्ष थे, को अचानक सीएम बनाया गया। लेकिन कई लोग कहते हैं कि ये फैसला बीजेपी हाईकमान का था, ताकि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में नई रणनीति अपनाई जा सके। लेकिन क्या नायब सैनी सिर्फ एक कठपुतली हैं? आइए, इसकी गहराई में उतरते हैं!

नायब सैनी को मनोहर लाल खट्टर का करीबी माना जाता है। कहा जाता है कि खट्टर ने ही उन्हें सियासत में आगे बढ़ाया।लेकिन दोस्तों, यही वो पॉइंट है जहां सवाल उठता है। अगर नायब सैनी खट्टर के इतने करीबी हैं, तो क्या वो खुद फैसले ले रहे हैं या खट्टर की सलाह पर चल रहे हैं?

खट्टर का प्रभाव?


राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सैनी भले कुर्सी पर बैठे हैं, लेकिन स्ट्रिंग्स खट्टर खींच रहे हैं। सीएमओ में सीनियर ऑफिसर्स में कोई बदलाव नहीं हुआ – वो सब खट्टर के समय के हैं। मनोहर लाल खट्टर अब केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन हरियाणा की सियासत में उनकी पकड़ कम नहीं हुई। कई मौकों पर देखा गया है कि खट्टर और सैनी एक साथ रणनीति बनाते नजर आते हैं। हरियाणा में ‘डमी सीएम’ की परंपरा पुरानी है। 1975 में बनारसी दास गुप्ता को बंसी लाल ने सीएम बनाया, लेकिन असली पावर बंसी लाल के पास थी। गुप्ता खुद कहते थे, “मैं नाम का सीएम हूं।” फिर 1990 में ओम प्रकाश चौटाला ने उन्हें फिर से बनाया, लेकिन कंट्रोल चौटाला का। इसी तरह, हुकम सिंह को ‘डमी से भी कम’ कहा गया।


“तो दोस्तों, आपको क्या लगता है? क्या नायब सैनी सचमुच अपने फैसले खुद ले रहे हैं, या मनोहर लाल खट्टर हैं असली बॉस? कमेंट में अपनी राय जरूर बताइए!

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