स्वतंत्रता दिवस पर कैबिनेट मंत्री से छीना हक,अंबाला में विज नहीं फहराएंगे तिरंगा

Haryana
  1. नमस्ते दोस्तों, स्वागत है आपका हमारे चैनल MSTV India पर! आज हम बात करेंगे हरियाणा की सियासत में चल रहे उस तूफान की, जिसके केंद्र में हैं बीजेपी के दिग्गज नेता और हरियाणा के सबसे वरिष्ठ मंत्री अनिल विज। पिछले 21 दिनों में दो-दो बार अनिल विज को नजरअंदाज किया गया है, और हर बार सवाल उठ रहा है—क्या ये मुख्यमंत्री नायब सैनी की रणनीति है या फिर बीजेपी के अंदरखाने की सियासत का खेल?

स्वतंत्रता दिवस पर अपमान


दोस्तों, स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर हरियाणा सरकार ने 12 मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को जिला मुख्यालय और उपमंडल स्तर पर ध्वजारोहण की जिम्मेदारी सौंपी। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि मंत्रिमंडल के सबसे सीनियर मंत्री अनिल विज को इस लिस्ट से बाहर रखा गया। जी हाँ, अनिल विज, जो 6 बार के विधायक हैं, जिन्हें हरियाणा की जनता का जबरदस्त समर्थन हासिल है, उन्हें इस मौके पर कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। सवाल ये है—क्या ये जानबूझकर किया गया अपमान है?

21 दिन में दूसरा झटका


ये कोई पहली बार नहीं है। बीते 21 दिनों में ये दूसरा मौका है जब अनिल विज को जिम्मेदारी से दूर रखा गया। 22 जुलाई को बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हारी हुई 42 सीटों की जिम्मेदारी मंत्रियों और विधायकों को सौंपी थी। लेकिन अनिल विज को एक भी सीट की जिम्मेदारी नहीं दी गई। और तो और, एक मंत्री ने तो ये तक कह दिया कि अनिल विज की ‘बीमारी’ की वजह से उन्हें जिम्मेदारी नहीं दी गई। ये बयान इतना विवादास्पद हुआ कि अगले ही दिन उस मंत्री को अनिल विज से मिलकर सफाई देनी पड़ी।


दोस्तों, सबसे दिलचस्प बात ये है कि अनिल विज ने दोनों बार इस अपमान पर चुप्पी साध रखी है। अनिल विज, जो अपनी बेबाकी और साफगोई के लिए जाने जाते हैं, इस बार खामोश क्यों हैं? क्या वो सियासी चाल चल रहे हैं? या फिर बीजेपी हाईकमान से कोई बड़ा संदेश मिल रहा है? ये चुप्पी हरियाणा की सियासत में तूफान लाने की तैयारी तो नहीं?

नायब सैनी की रणनीति?

अब सवाल ये उठता है कि क्या ये सब मुख्यमंत्री नायब सैनी की रणनीति का हिस्सा है? अनिल विज बीजेपी के उन नेताओं में से हैं जिनका जनाधार बहुत मजबूत है। क्या नायब सैनी को लगता है कि अनिल विज का कद उनकी कुर्सी के लिए खतरा बन सकता है? या फिर ये बीजेपी के अंदर की गुटबाजी का नतीजा है? दोस्तों, हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और ऐसे में अनिल विज जैसे दिग्गज को साइडलाइन करना बीजेपी के लिए कितना खतरनाक हो सकता है?


तो दोस्तों, क्या अनिल विज की चुप्पी और बार-बार अपमान हरियाणा की सियासत में बड़ा बदलाव लाने वाला है? क्या नायब सैनी की ये चाल बीजेपी को भारी पड़ने वाली है? आपकी राय क्या है? नीचे कमेंट में जरूर बताएं।

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