नमस्ते दोस्तों, स्वागत है हमारे चैनल MSTV India पर! हरियाणा की सियासत में इन दिनों तूफान मचा हुआ है। एक तरफ कांग्रेस में गुटबाजी की खबरें सुर्खियों में हैं, लेकिन अब सवाल उठ रहा है – क्या बीजेपी में भी गुटबाजी की आग भड़क रही है? हरियाणा में बीजेपी की तीसरी बार जीत के बाद भी सब कुछ ठीक नहीं लग रहा। आखिर क्यों केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपनी ताकत दिखा रहे हैं? क्यों अनिल विज और नायब सैनी के बीच तनातनी बढ़ रही है? और क्या नायब सैनी द्वारा अनिल विज का बार-बार अपमान बीजेपी के लिए मुसीबत बन सकता है? आज हम इस सियासी ड्रामे की तह तक जाएंगे।
राव इंद्रजीत बनाम राव नरबीर
सबसे पहले बात दक्षिण हरियाणा की सियासत की। राव नरबीर सिंह के साथ राव इंद्रजीत सिंह की पुरानी रंजिश अब खुलकर सामने आ रही है।
हाल ही में गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम के मेयर चुनाव में दोनों नेताओं के बीच तनातनी देखने को मिली। खबर है कि राव इंद्रजीत और राव नरबीर के खेमों में टकराव इतना बढ़ गया कि मेयर चुनाव को ही टालना पड़ गया। आखिर बीजेपी के पास 24 वोट होने के बावजूद ये पद उनके हाथ से क्यों फिसल सकते थे? क्या ये गुटबाजी का नतीजा है?
राव इंद्रजीत ने हाल ही में 9 विधायकों के साथ अपनी तस्वीर शेयर की, जिसे सीएम पद के लिए शक्ति प्रदर्शन माना गया। लेकिन उन्होंने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा, ‘मैं बीजेपी के साथ मजबूती से खड़ा हूं।’ फिर सवाल ये है – अगर सब ठीक है, तो ये शक्ति प्रदर्शन क्यों? और राव नरबीर के खेमे का जवाब क्या होगा?
विज बनाम नायब सैनी और मनोहर लाल खट्टर
अब चलते हैं हरियाणा के एक और सियासी रण की ओर। खबरें हैं कि नायब सैनी ने कई मौकों पर अनिल विज को नजरअंदाज किया। मंत्रिमंडल गठन में विज को अहम पोर्टफोलियो न देना, और हाल ही में एक सरकारी कार्यक्रम में विज को आमंत्रित न करना – ये सारी घटनाएं विज के समर्थकों में नाराजगी बढ़ा रही हैं। क्या सैनी जानबूझकर विज का अपमान कर रहे हैं, या ये सिर्फ सियासी गलतफहमी है? अनिल विज के समर्थकों का कहना है कि नायब सैनी और उनके करीबी विज को सियासी रूप से कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विज ने कहा, ‘मैं अपने हक के लिए लड़ता रहूंगा।’ क्या ये बयान बीजेपी हाईकमान के लिए चेतावनी है? और क्या सैनी का ये रवैया पार्टी में बड़ी दरार पैदा कर सकता है?
बीजेपी की रणनीति
बीजेपी हाईकमान ने इस गुटबाजी को दबाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव को जिम्मेदारी सौंपी है । लेकिन सवाल ये है – क्या ये रणनीति राव इंद्रजीत, अनिल विज और उनके समर्थकों को साध पाएगी? और क्या नायब सैनी का अनिल विज के साथ व्यवहार बीजेपी के लिए नया सिरदर्द बनेगा?
“तो दोस्तों, आपको क्या लगता है? क्या नायब सैनी द्वारा अनिल विज का अपमान बीजेपी में बड़ी टूट का कारण बनेगा? और क्या राव इंद्रजीत और नरबीर के बीच की रंजिश पार्टी को कमजोर करेगी? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं!